उत्तराखंड सरकार पर भूमि घोटाले का आरोप लगते हुए विपक्ष नेता हराक सिंह रावत ने ये कहते हुए सीबीआई जांच की मांग की जब ये भूमि ऋषिकेश के शंतिपर्सन्न शर्मा और उनके भाई ललितमोहन शर्मा की है फिर ये ज़मीन सितूरगिया को कैसे दे दी गयी कई तथ्यों को दरकिनार कर राज्य सरकार ने लोगों को गुमराह किया।सरकार ने उन लोगों को भी गुमराह किया जिन्होंने मामले की हकीकत जानने की कोशिश की।महिला कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री पूनम उनियाल ने जब सूचना के अधिकार के जरिए लैंड यूज़ की जानकारी मांगी तो उन्हें गुमराह किया गया।उनके पत्र को हरित विकास प्राधिकरण को भेज दिया गया।
पूनम उनियाल का कहना है कि फैक्ट्री परिसर में 1200 हरे पेड़ थे उनमें से 800 पेड़ों को काट डाला गया।अब सिटूरगिया परिसर में खुदाई हो रही है और बगैर इजाजत के खनन किया जा रहा है।विभाग ने सिटूरगिया पर एक करोड़ 60 लाख की पेनाल्टी लगाई है।
कांग्रेस सरकार पर घोटालो का आरोप मड़ते हुए बीजेपी सत्ता पर काबिज़ हुई थी और एक के बाद एक घोटालो में फसने के बाद राज्ये सरकार बेक फुट पर आ गयी है विपक्ष की पार्टियो कांगेरस और बहुजन समाजपार्टी ने आन्दोलन की धमकी देते हुए कि राज्य भर में निशंक सरकार के पुतले फूंके जिस से राज्य में सरकार दवाब में आ गयी है विपक्ष का कहना है की किस तरह निशंक सरकार ने 50 एकड़ सरकारी जमीन को एक निजी कंपनी के हवाले कर दिया और इसके लिए सरकार ने एक ही दिन में सारी फाइल क्लियर कर दी। एक निजी न्यूज़ चेन्नल के इस खुलासे के बाद उत्तराखंड सरकार और बीजेपी दोनों ही बचाव की मुद्रा में हैं और मुख्यमंत्री निशंक इस पूरे घोटाले से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं
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