बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि नक्सलियों से निपटने के लिए समग्र तरीका अपनाने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा है कि उनके विचार दूसरों से अलग हो सकते हैं लेकिन नक्सल तत्त्व समाज का हिस्सा हैं और उन्हें गुमराह किया गया है. नीतीश कुमार ने ये बयान दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक से पहले दिया है. बैठक की शुरूआत में गृहमंत्री पी चिदंबरम ने चार नक्सल प्रभावित राज्यों के लिए एक साझा कमांड बनाने का सुझाव दिया और कहा कि एक सेवानिवृत मेजर जनरल को इसका सदस्य बनाया जाएगा. साथ ही सरकार ने इन राज्यों में माओवादियों के ख़िलाफ़ चल रहे अभियान के लिए हेलीकॉप्टर मुहैया कराने की बात की है. इस बैठक में झारखंड के राज्यपाल हिस्सा ले रहे हैं क्योंकि वहां इस समय राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. इस बैठक के शुरु होने से पहले बुधवार को गृह मंत्री पी चिदंबरम ने दिल्ली में स्वीकार किया कि पिछले छह महीनों में नक्सलवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकारों को मिली-जुली सफलता मिली है.
चिदंरबरम ने कहा कि अब केंद्र सरकार सुरक्षा बलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने, सैन्य और अन्य सामान की आपूर्ति और बचाव कार्यों के लिए और हेलीकॉप्टर मुहैया करवाएगी. नक्सल प्रभाव वाले 400 पुलिस थानों को मज़बूत करने के लिए दो करोड़ रुपए प्रति पुलिस स्टेशन ख़र्च किए जाएंगे. इस धन का 80 फ़ीसदी हिस्सा केंद्र सरकार देगी और 20 फ़ीसदी हिस्सा राज्यों को वहन करना होगा.ये व्यवस्था दो साल के लिए होगी.
एकीकृत कमांड
गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल की सरकारों से नक्सलियों के ख़िलाफ़ अभियान में एक ‘एकीकृत कमांड’ के गठन का भी निवेदन किया है.
चिदंबरम ने इन राज्यों से सेना के एक सेवानिवृत मेजर जनरल को इस एकीकृत कमांड का सदस्य बनाने की भी गुज़ारिश की है. गृह मंत्री ने इन सभी चार राज्यों को नक्सलियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन के लिए एक आईजी की नियुक्ति करने को भी कहा है. ये अधिकारी केंद्रीय बलों के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए भी ज़िम्मेदार होगा. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के कार्यक्रमों को दुरुस्त करने के लिए एक समूह के गठन का भी सुझाव दिया गया है.इस समूह की अध्यक्षता योजना आयोग के मेंबर-सेक्रेट्री करेंगे. नक्सल प्रभावित 34 ज़िलों में सड़कों के सुधार के लिए भी क़दम उठाए जाएंगे. इसके तहत सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय 950 करोड़ रुपए की लागत से इन ज़िलों में कई सड़कों और पुलों का निर्माण करेगा. योजना आयोग के अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण, प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पीने के पानी की व्यवस्था के लिए एक ‘विशेष विकास योजना’ की भी बात कही गई है.
सरकार ने कसी कमर
•नक्सलियों के ख़िलाफ़ अभियान में और हेलीकॉप्टर मुहैया करवाए जाएंगे
•एक साझा कमान का गठन जिसमें सेना के एक पूर्व मेजर जनरल सदस्य होंगे
•सड़क और पुल निर्माण के लिए 950 करोड़ रुपए
•नक्सल प्रभावितों क्षेत्रों के 400 पुलिस थानों के लिए दो करोड़ प्रति थाना धन का आबंटन किया जाएगा
•सड़क निर्माण, प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पीने के पानी की व्यवस्था के लिए विशेष विकास योजना
naa vaada pura karo aur na hi mukaro yahi hai indo pak riston ka sach hai
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