रविवार, 18 जुलाई 2010

भारत-पाक रिश्तो पर विशेष




नई दिल्‍ली. विदेश मंत्री एस.एम. कृष्‍णा पाकिस्‍तान गए तो थे विवाद सुलझाने की मंशा से, लेकिन यह यात्रा एक नया विवाद खड़ा कर गई। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के गृह सचिव जी.के. पिल्‍लै की तुलना लश्‍कर प्रमुख हाफिज सईद से कर दी। इस बात पर कृष्‍णा तो शांत रहे, लेकिन दिल्‍ली में भाजपा भड़क गई। कांग्रेस ने भी कुरैशी के बयान पर ऐतराज जताया है। गृह मंत्रालय ने भी कहा है कि कुरैशी को इस तरह की भाषा का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए था। मंत्रालय ने पूछा है कि क्‍या मेहमाननवाजी का यही तरीका होता है?

कृष्‍णा की पाकिस्‍तान यात्रा के दौरान कई मसलों पर दोनों देशों में मतभेद सामने आए। यह कटुता उस समय और बढ़ गई जब पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री एस.एम.कुरैशी ने लश्‍कर प्रमुख हाफिज सईद और भारत के गृह सचिव जीके पिल्‍लई की तुलना कर दी। उन्‍होंने कह दिया कि आप हाफिज सईद के भारत विरोधी भाषणों की ओर ध्‍यान दिलाते हैं, मैं आपका ध्‍यान जी.के. पिल्‍लई के उस बयान की ओर दिलाता हूं जिसमें उन्‍होंने मुंबई हमले में आईएसआई की भूमिका की बात कही है। पिल्‍लई की यह टिप्‍पणी डेविड हे‍डली के बयान पर आधारित थी। कांग्रेस ने कुरैशी के इस बयान को गंभीर मानते हुए इसे बेहद निचले स्‍तर का बताया है।

उधर भाजपा ने कुरैशी के बयान पर भारतीय विदेश मंत्री की चुप्‍पी पर हैरानी जताई है। पार्टी प्रवक्‍ता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि विदेश मंत्री लोकभावना के विपरीत पाकिस्‍तान की यात्रा पर गए थे।
हालांकि एसएम. कृष्‍णा ने भारत रवाना होने से पहले इस्‍लामाबाद में संवाददाताओं को कहा कि दोनों देशों की बातचीत सफल रही। इसके साथ ही उन्‍होंने कुरैशी के साथ मतभेद की खबरों से भी इनकार कर दिया। पिल्‍लै के बारे में उनके बयान पर भी उन्‍होंने कोई टिप्‍पणी करने से मना कर दिया।

ऐसे में बातचीत का क्‍या फायदानई दिल्‍ली: भारत ने अपनी ओर से पहल कर पाकिस्‍तान के साथ बातचीत की कोशिश तो बड़ी की, लेकिन इसके कामयाब होने के कोई संकेत पाकिस्‍तान की ओर से नहीं मिल रहे हैं।गुरुवार को इस्‍लामाबाद में जब भारतीय और पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री कई घंटे चली बातचीत के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे, तभी सीमा पार से पाकिस्‍तानी सैनिक गोलियां दाग रहे थे। जम्‍मू से करीब 30 किलोमीटर दूर, रणवीरसिंहपुरा में उन्‍होंने पांच जगहों पर सीमा सुरक्षा बल को निशाना बना कर गोलीबारी कर संघर्षविराम का उल्‍लंघन किया। पिछले दो सप्‍ताह के दौरान ही पाकिस्‍तान की ओर से संघर्षविराम उल्‍लंघन का यह छठा मामला है।कश्‍मीर में पाकिस्‍तान प्रायोजित आतंकवाद लगातार जारी है। पिछले चार दिनों से लगातार राज्‍य में एक मुठभेड़ चल रही है। इसमें एक मेजर शहीद हो गए हैं और एक जख्‍मी भी हुए हैं।सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें आम हैं।मुंबई हमले के गुनहगारों से जुड़े तमाम सुबूत मुहैया कराने के बावजूद पाकिस्‍तान उन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। हाफिज सईद को पाकिस्‍तान में भारत के खिलाफ अभियान चलाने की खुली आजादी है। मसले और स्‍टैंड भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्‍तान यात्रा में दोनों देशों के बीच चल रहे किसी भी मुद्दे पर किसी समाधान के कोई संकेत नहीं मिले। उल्‍टे हर मुद्दे पर पहले की ही तरह दोनों पक्षों की राय जुदा नजर आई। कश्‍मीर: भारत का कहना है कि कश्‍मीर में हिंसा से निपटना उसका अंदरूनी मसला है और वह अपने तरीके से निपटने के लिए स्‍वतंत्र है। पाकिस्‍तान का कहना है कि इससे उस पर भी असर पड़ता है।मुंबई हमला: भारत का कहना है कि मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए पाकिस्‍तान एक समयसीमा तय करे। पाकिस्‍तान का कहना है कि यह संभव नहीं है, क्‍योंकि उसके यहां न्‍यायपालिका स्‍वतंत्र है। न्‍यायपालिका को सरकार निर्देश नहीं दे सकती।बलूचिस्‍तान: पाकिस्‍तान के प्रांत बलूचिस्‍तान में हिंसा के लिए वह भारत पर आरोप मढ़ता रहा है। भारत का कहना है कि यह पाकिस्‍तान का केवल बयान भर है, तथ्‍य या साक्ष्‍य से इसका कोई लेना-देना नहीं है। पाकिस्‍तान लगातार कहता रहा है कि उसके पास पुख्‍ता सुबूत हैं, लेकिन उसने ये सुबूत कभी पेश नहीं किए।

हाफिज सईद: भारत का कहना है कि लश्‍कर-ए-तैयबा का संस्‍थापक हाफिज मुहम्‍मद सईद ही मुंबई हमले का मास्‍टरमाइंड है। सईद के भारत विरोधी, भड़काऊ बयानों और हरकतों पर लगाम कसे बिना पाकिस्‍तान से भारत के संबंध बेहतर नहीं हो सकते। पाकिस्‍तान ने कहा कि यही बात भारतीय गृह सचिव जीके पिल्‍लै पर लागू होती है, जिन्‍होंने कृष्‍णा की पाकिस्‍तान यात्रा से ठीक पहले आईएसआई को मुंबई हमले के पीछे बताया।

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