आइये नज़र डालते हैं दालों के भाव पर
दालें 1 जून 15 जून 11 जुलाई
तुअर 55-56 67-69 80-82
मूंग-मोगर 51-52 55-56 59-60
मसूर 46-48 54-56 56-60
उड़द 34 39 42
(थोक भाव, खुदरा भाव कुछ ज्यादा हो सकते हैं)
ये सर्वविदित ही के महंगाई के मुद्दे पे सरकार कितनी विफल रही है ऊपर से मानसून का बेरुखापण एक गरीब किसान को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रहा है डालो से लेकर कापी किताबो पे और पेट्रोल से लेकर इलेक्ट्रोनिक्स के सामान के भी दाम बाद गये है 6 फरवरी को समाप्त सप्ताह में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 17.97 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसके पहले सप्ताह में महंगाई दर 17.94 प्रतिशत पर थी। पिछले वर्ष इसी सप्ताह के दाम से तुलना करने पर दालें 38.04 प्रतिशत, आलू के दाम 38.02 प्रतिशत और सब्जियों के दाम करीब 20 प्रतिशत बढ़ गए हैं।विशेषज्ञों ने इस साल महंगाई दर 10 प्रतिशत तक पहुंचने की आशंका व्यक्त की है। पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने पर महंगाई और तेजी से बढ सकती है। कृषि एवं खाद्य मंत्री शरद पवार ने बुधवार को कहा था कि खाद्य पदार्थों की महंगाई में मार्च के बाद सुधार आ जाएगा लेकिन अब मध्य जुलाई तक सरकार की तरफ से महगाई कम होने की कोई सुचना नहीं है
और चलते चलते
कोई लुभाए धर्म तो कोई रिझाए जात,
कोई करता न दिखे महंगाई की बात ।
महंगाई की बात गई जो रोटी छीनी ,
चौंसठ में है दाल और चौबिस में चीनी ।
कुकिंग गैस पर पीएम की पत्नी भी रोई,
फिर भी इस मुद्दे पर चर्चा करे न कोई
log bikya kar skte hai hmre krishi mantri to
जवाब देंहटाएंcricket k liye policies bnne m mast hai mahngai k taraf dhyan kaise de payenge
हम आपके विचार से पूरी तरह सहमत है कमलेश जी जहा एक ओर देश में महंगाई की मार पड़ रही है वही दुरसी तरफ हमारी क्रिकेट टीम २०-२० हरने के बावजूद ३ करोड़ प्रतियेक खिलाडी पर खर्च कर रही है दूसरी तरफ हमारी सरकार नक्सल प्रभावित राज्यों पर २०० करोड़ खर्च करने की बात कर रही है ये पैसा तब भी तो खर्च किया जा सकता था जब उन राज्यों में गरीब भूखो मरने पर मजबूर थे
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