नई दिल्ली। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के विरोध में देशभर में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की निंदा और विरोध प्रदर्शन किया गया। कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन. संतोष हेगडे ने शहर के मध्य फ्रीडम पार्क में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा, इस तरह की गिरफ्तारियों से भ्रष्टाचार के खिलाफ और जन लोकपाल के समर्थन में लडाई का अंत नहीं हो सकता।
ज्ञात हो कि अन्ना हजारे को मंगलवार सुबह हिरासत में लिए जाने के बाद सात दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड जेल भेज दिया गया है। समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों ने शहर में विभिन्न स्थानों पर अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में विद्यार्थी, लेखक, घरेलू महिलाएं, किसान संगठनों व कन्नड समर्थक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। हेगडे ने कहा, सरकार द्वारा किसी एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से भ्रष्टाचार के खिलाफ और इसे रोकने के लिए कडे कदमों से लोगों की आवाज नहीं दबाई जा सकती। ज्ञात हो कि हेगडे लोकपाल विधेयक तैयार करने वाली समिति में नागरिक समाज के पांच प्रतिनिधियों में शामिल रहे हैं। इस समिति का गठन इसके पहले जंतर मंतर पर अन्ना हजारे द्वारा चार दिनों तक किए गए अनशन के बाद किया गया था।
अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजधानी रांची में भी लोग आक्रोश में दिखे और सडकों पर उतर गए। लोगों को जैसे ही अन्ना की गिरफ्तारी की खबर मिली, वे अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। लोगों ने कांग्रेस की सरकार को भ्रष्टाचारी और लोकतंत्र की हत्यारी सरकार कहा। उन्होंने अन्ना की जल्द रिहाई की मांग की। अन्ना के गिरफ्तारी की खबर आते ही भोपाल में अन्ना समर्थक उनकी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए। इण्डिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर के तले जुटे लोग ठीक नौ बजे से भोपाल के मेनिट संस्थान के सामने आमरण अनशन पर बैठ गए। अनशनकारियों ने कहा कि अन्ना और जन लोकपाल के लिए वे जेल जाने को भी तैयार हैं।
दिल्ली में अन्ना को हिरासत में लिए जाने के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मुंबई के आज़ाद मैदान में ब़डी संख्या में जुटे अन्ना समर्थकों में इस कार्रवाई को लेकर काफी रोष है। आजाद मैदान में मुंबई पुलिस ने धारा 144 लागू कर दिया है। यहां मौज़ूद हर अन्ना समर्थक अपने को अन्ना हजारे बताकर हिरासत में लेने की मांग कर रहा है। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी जब लोगों ने अन्ना की गिरफ़्तारी की ख़बर सुन लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। लोग अपने घरों से हाथों में तिरंगा और अन्ना की तस्वीर लेकर अन्ना के समर्थन में निकल पडे हैं।
सभी आक्रोशित हैं और लोगों का कहना है कि अन्ना ने आज तक क़ानून नहीं तोडा तो उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया। सरकार बाबा रामदेव के वाकये से अभी भी सीख नहीं ले रही है। अन्ना के समर्थकों का कहना है कि जबतक अन्ना हजारे को रिहा नही किया जाएगा और अन्ना का लोकपाल बिल नहीं लाया जाएगा, तबतक वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। अन्ना के अनशन को लेकर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई जन लोकपाल कमेटी ने बेहद शर्मनाक बताया है। कमेटी के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा है कि वे सरकार के रवैये के खिलाफ&द्यह्ल; सुप्रीम कोर्ट मे आज अपनी अज़ीü दाखिल करेंगे। वहीं अन्ना की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है। जेपी पार्क से गिरफ़्तार समर्थकों को पुलिस दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम ले जा रही है। लेकिन पुलिस Êयादती से अन्ना समर्थकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आ रही है।
ज्ञात हो कि अन्ना हजारे को मंगलवार सुबह हिरासत में लिए जाने के बाद सात दिनों की न्यायिक हिरासत में तिहाड जेल भेज दिया गया है। समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों ने शहर में विभिन्न स्थानों पर अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वालों में विद्यार्थी, लेखक, घरेलू महिलाएं, किसान संगठनों व कन्नड समर्थक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। हेगडे ने कहा, सरकार द्वारा किसी एक व्यक्ति की गिरफ्तारी से भ्रष्टाचार के खिलाफ और इसे रोकने के लिए कडे कदमों से लोगों की आवाज नहीं दबाई जा सकती। ज्ञात हो कि हेगडे लोकपाल विधेयक तैयार करने वाली समिति में नागरिक समाज के पांच प्रतिनिधियों में शामिल रहे हैं। इस समिति का गठन इसके पहले जंतर मंतर पर अन्ना हजारे द्वारा चार दिनों तक किए गए अनशन के बाद किया गया था।
अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की राजधानी रांची में भी लोग आक्रोश में दिखे और सडकों पर उतर गए। लोगों को जैसे ही अन्ना की गिरफ्तारी की खबर मिली, वे अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। लोगों ने कांग्रेस की सरकार को भ्रष्टाचारी और लोकतंत्र की हत्यारी सरकार कहा। उन्होंने अन्ना की जल्द रिहाई की मांग की। अन्ना के गिरफ्तारी की खबर आते ही भोपाल में अन्ना समर्थक उनकी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए। इण्डिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर के तले जुटे लोग ठीक नौ बजे से भोपाल के मेनिट संस्थान के सामने आमरण अनशन पर बैठ गए। अनशनकारियों ने कहा कि अन्ना और जन लोकपाल के लिए वे जेल जाने को भी तैयार हैं।
दिल्ली में अन्ना को हिरासत में लिए जाने के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मुंबई के आज़ाद मैदान में ब़डी संख्या में जुटे अन्ना समर्थकों में इस कार्रवाई को लेकर काफी रोष है। आजाद मैदान में मुंबई पुलिस ने धारा 144 लागू कर दिया है। यहां मौज़ूद हर अन्ना समर्थक अपने को अन्ना हजारे बताकर हिरासत में लेने की मांग कर रहा है। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी जब लोगों ने अन्ना की गिरफ़्तारी की ख़बर सुन लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। लोग अपने घरों से हाथों में तिरंगा और अन्ना की तस्वीर लेकर अन्ना के समर्थन में निकल पडे हैं।
सभी आक्रोशित हैं और लोगों का कहना है कि अन्ना ने आज तक क़ानून नहीं तोडा तो उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया। सरकार बाबा रामदेव के वाकये से अभी भी सीख नहीं ले रही है। अन्ना के समर्थकों का कहना है कि जबतक अन्ना हजारे को रिहा नही किया जाएगा और अन्ना का लोकपाल बिल नहीं लाया जाएगा, तबतक वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। अन्ना के अनशन को लेकर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई जन लोकपाल कमेटी ने बेहद शर्मनाक बताया है। कमेटी के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा है कि वे सरकार के रवैये के खिलाफ&द्यह्ल; सुप्रीम कोर्ट मे आज अपनी अज़ीü दाखिल करेंगे। वहीं अन्ना की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है। जेपी पार्क से गिरफ़्तार समर्थकों को पुलिस दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम ले जा रही है। लेकिन पुलिस Êयादती से अन्ना समर्थकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आ रही है।