सोमवार, 16 अगस्त 2010

कितने आज़ाद है हम..............!!!

आप सभी मित्रों को आज़ादी कि ६४ वर्षगाठ कि सुभकामनायें......!!!
    मित्रों एक बार आज़ादी आई और मेरे जेहन में कईं सवालात छोड़ गई.....कितने आज़ाद है हम ..??  क्या वाकई में आज़ाद है हम..??
 कल घर से ज्यूँ ही बाहर निकला चंद कदम चलने के बाद सड़क पै पहुचा तो ... तो एक लगभग १०-१२ साल का लड़का मिला .तन पै एक फटा सा कपडा...हाथ पै तिरंगा लिए....बोल रहा था "साहब ले लो .ले लो न साहब..." देख कर सोचने को मजबूर हो गया कि क्या वाकई में हमें आज़ाद हुए ६४ वर्ष हो गये है..?? क्या ये बच्चा भी आज़ाद है...?? ये तो हालत है देश कि राजधानी के...ज़रा गौं-देहात में जाके देखिये..जानिए कितने आज़ाद है.....??

    हम..जहा देश कि राजधानी में रहते है ..जहा पुलिस अपने आप को किसी भी हालत से निपटने के लिए त्यार बताती है....क्या वाकई में तयार हें हम..?? कितने त्यार है हम..?? उसी सहर का मंज़र देखिये एक लड़की शाम को घर से अकेले नहीं निकल सकती......क्यूँकि उससे तो दिनदहाड़े सडक पै देश कि नवजवान जनता.के छेड़छाड़ का शिकार होना पड़ता है.... जिसको सामने खड़ा हवलदार भी चटकारे ले ले के देखता है...जी चाहता है ने लोगों का मुह तोड़ दूँ...जो खुद को अपनी हिम्मत और मर्दानगी को एक लड़की को छेड़ने में परेसान करने में या उसकी इज्ज़त सरे राह उतारने में समझते है... लेकिन नहीं कर सकते....

    .गली मुहल्लों में १४ वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पेट के ख़ातिर काम करते हुए देखा जा सकता है....क्या हमारी सरकार ये नहीं जानती है ...या उसके नुमाइंदे...कानून बनाने मात्र से तो नहीं हो जाता है न.........जरुरत है उन्हें लागू करने कि ...उसमे अमल करने कि...क्या इनकी जगहा सड़क पै या होटल और रेस्टोरेंट पै झूटे बर्तन उठाने कि है या ...पढाई के लिए स्कूल भेजने कि .......क्या इनको शिक्षा का अधिकार नहीं है.?? इनसे पूछ के देखिये इनकी आज़ादी किसमे है...
  
   सड़क पै भीख मांगती ५० साल कि महिला .क्या ये आज़ाद है..? फ्लाय-ओवर के ऊपर AC कार में निकलने वालो कभी नीचे झांक के देखो......कोई महिला अपने बच्चे न पसीना अपने फट कर चीथड़े हुए आँचल से पोछती नज़र आएगी....आप देश कि सफाई कि बात करते हैं.....जिस इंसान के पास तन ढकने को मात्र एक जोड़ा कपडा हो उससे धुले हुए कपड़ो कि बात केसे कर सकते है...कभी सोचा है आपने...देश आ इनते बर्गों में बट क्यूँ रहा है ..अमीर और अमीर हो रहा हर तो गरीब और गरीब...लेकिन महंगाई तो कभी गरीबी को देख के नहीं हो रही है न...इन देश चलाने वाले चंद नेताओं और पुजिपतिओं को क्या मालुम कि देश में टमाटर और पयांज के भाव क्या है....!! गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए सरकार योजना तो बतानी है.......उन्हें अनाज मुहया कराती है..........लेकिन क्या वाकई वो अनाज उन तक पहुँच पता है ........या गोदाम में सड़ रहा होता है....!!!


     सबसे तजा उदहारण CWG गेम्स...ज़हा हम एक तरफ ये दुनिया में ये धिंडोरा पिटते है कि सोने का देश है हमारा.......वही गेम्स कि त्यारिओं और उनसे जुड़े घोटालों के बारे में सुन के दिल दहल जाता है...सवाल जेहन में आता है क्या वाकई में हमारा देश सोने का है...?? क्या हम गेम्स करवाने के लिए असफल है.....हम इतने सालों से गेम्स कि तयारिया नहीं कर पाए.वही चीन और जापान जेसे देश इतना आमदा रखते है कि वो अब भी इस गेम कि जिम्मेदारी लेने को तैयार हें ....!!!   देश का राष्टीय खेल हाकी आज......बदनामी का दंश झेल रहा है....!!!

कश्मीर के आये दिन दंगों के नाम पै पुलिस बरबस जनता पै गोलिया चलाती है......लेकिन जब मुंबई और देल्ही दंगे हो तो सिर्फ लाठी चार्ज होता है क्यूँ ..?? क्या हर कश्मीरी आतंक वादी है..?? कश्मीर के लोगों को जीने का हक नहीं है क्या...??....क्या वो आज़ाद नहीं है...???.......क्या आज़ादी का यही सही मायने है.....??.क्या ऐसी को आज़ादी कहते हो तुम ???.........शर्म सी आती है ये कहते हुए कि कहने को तो हम आज़ाद है लेकिन सही मायने में आज़ाद इस देश के चंद पूजीपति और नेता लोग ही आज़ाद है ...........आज़ादी का सही मतलब तब है..............जब १४ साल का बच्चा काम पै न जाके पढने के लिए जाये...........जब ६४ साल कि बुडिया अपने बच्चों के पेट भरने के लिए रोड़ पै भीख मांगती नज़र न आये...सम्मान रक्षा के लिए नव युवक-युवतियो कि जान न ली जाए.....सबको प्यार करने का हक हो...इजहार करने का हक है......!!! खुद से सवाल कर के देखों ..कितने आज़ाद हो तुम ...........??


सही मायने में हम तब आज़ाद है जब हमें खुद से कोई भय न हो...जब भावनाओं कि आज़ादी हो...नेतिक मूल्यों कि आज़ादी हो..!!! भाषा कि आज़ादी हो ..!! जाती-धर्म कि आज़ादी हो...सोच कि आज़ादी हो.....हक कि आज़ादी हो...!!!.


बिदेशियो कि हुकुमत से हम जरुर ६४ वर्ष पहले आज़ाद हो गये हो ..लेकिन देश के अन्दर छुपे चंद माफिये और इस देश के सोदागर से कब आज़ाद होंगे हम जो इस सोने कि चिड़िया को बेचने को आमदा है...उनको कोंन पहचानेगा......उनसे इस देश को कोंन बचाएगा...?? उनसे कोंन आज़ाद करवाएगा ..??

सही मायने में आज़ादी तब है तब है जब......सच में सबको एक नज़र से देखों...............क्यूँकि इस देस का हर इन्सान आज़ाद है.,.......नहीं तो झंडा फहराने से कुछ नहीं होगा............देश ६४ साल बाद वही है....तब हम गुलाम थे और आज़ादी के लिए लड़ रहे थे...और आज आज़ाद हैं और फिर भी आज़ादी के लिए लड़ रहे है...!!!






आज़ादी का जश्न मनाइए और मेरे चंद सवालातों को कभी सोचियेगा..........शायद कुछ सच लगे.....!!!






शुभकामनाओं सहित
     मनीष मेहता
http://musafirhunyaro.blogspot.com/



( चित्र- गूगल से )

9 टिप्‍पणियां:

  1. Aapke vichar padkr aik sachhi se ru -b- ru hue.
    sabko pta hai ki kasmeer me Atankwaad k naam pr kaise waha ki janta ke sath galat sulook ho rha hai or kaise unhe molik adhikaro se vanchit rakha ja rha h.
    ye padkr ke kaise delhi ya mumbai ke band me police pani ki fuhare or halka bal pryoug krti hai lekin kashmeer me sidhe goli maar di jati hai..
    kya unhe apna virodh jatane ka adhikaar nahi


    or garibi or 14 saal se kam ke bachho ke kaam krne ki baat pr yahi khna chahunga ke yadi sarkar chahe to garibi or bhukh mari kuch din me khatm ho sakti hai.jaissa pichle dino dekhne me aaya laakho kuntal anaaj barish me bheeg kr sad gya lekin kisi garib ke ghr ka niwala nhi ban paya

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  2. जिन मुद्दों पर आपने लिखा उनपर केवल आपके विचारों से सहमती हो सकती है.
    हमें मिलकर इनसे वैचारिक लड़ायी लडनी है.
    ब्लॉग का शीर्षक काफी आकर्षक है.

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  3. आप के विचार अच्छे लगे धन्यवाद्|

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  4. शुक्रिया जयराम जी और सभी मित्रों का.......आप हमारे कुछ लेख यहाँ भी पढें....

    http://musafirhunyaro.blogspot.com/

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  5. इस नए सुंदर चिट्ठे के साथ आपका ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  6. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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  7. .. it was a great work.. admirable creation.. you have take out some significant aspects which is appreciable... keep bringing such intellectual stuff... !!

    God bless you.. !!

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kirpya apne vichar de